Shubhanshu shukla astronaut 41 साल बाद कोई भारतीय पहुंचा अंतरिक्ष में

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Shubhanshu shukla astronaut : भारतीय अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu shukla आज 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए हैं इस मिशन का नाम एक्सियोम मिशन 4 है उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी स्पेस स्टेशन जा रहे हैं यह मिशन भारतीय समय अनुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नास के कैनेडी स्पेस सेंटर से लांच किया गया है। स्पेस एक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब साढे 28 घंटे के बाद 26 जून को शाम 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेश स्टेशन से जुड़ जाएगा ।

यह मिशन छह बार टाला गया उसके बाद आखिरकार आज शुरू हुआ। 29 मई को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के तैयार नहीं होने के कारण लॉन्चिंग डाल दी गई थी इस 8 जून को रीशेड्यूल किया गया था फाल्कन 9 रॉकेट लॉन्च होने के लिए तैयार नहीं हुआ तो यह लॉन्चिंग भी कैंसिल हो गई । नई तारीख 10 जून दी गई फिर इसे खराब मौसम की वजह से डाल दिया गया। चौथी बार 11 जून को मिशन रीशेड्यूल था लेकिन ऑक्सीजन लीक होने के कारण इसे फिर से टाला गया नई तारीख 19 जून दी गई मौसम की अनिश्चित और क्रू मेंबर की सेहत के कारण यह भी टल गया।

41 साल बाद कोई भारतीय पहुंचा अंतरिक्ष में

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए अनुबंध के तहत भारतीय वायु सेवा के ग्रुप कैप्टन Shubhanshu shukla को इस मिशन हेतु चुना गया था शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

Shubhanshu shukla

क्या है इस मिशन का उद्देश्य

एक्सियोम मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में रिसर्च करना और नई टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना है यह मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी शुरू किया गया है मैक्सिमम स्पेस प्लानिंग का हिस्सा है जिसमें भविष्य में एक कमर्शियल स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना है।

  • इस मिशन का उद्देश्य माइक्रो ग्रेविटी में विभिन्न प्रयोग कर एक नई वैज्ञानिक प्रयोग की श्रृंखला स्थापित करना है ।
  • अंतरिक्ष में नई तकनीक का परीक्षण और उसके विकास के बारे में संभावनाएं तलाशना ।
  • विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को एक मंच प्रदान कर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना ।
  • अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों को प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना जिससे एजुकेशनल एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जा सके।

Shubhanshu shukla कौन है

Shubhanshu shukla का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( NDA) से की थी 2006 में आप वायु सेवा में शामिल हुए और फाइटर जेट्स उड़ने का अनुभव हासिल किया।

उन्हें इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुना गया है जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए Shubhanshu shukla ने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली थी इसमें इन्होंने माइक्रो ग्रेविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।

शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन पर 14 दिनों तक रहेंगे और कुल 7 प्रयोग करेंगे जो भारतीय शिक्षण संस्थाओं ने तैयार किए हैं इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज होगी जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवन पर पड़ने वाले असर को देखना।

इसके अलावा वह नासा के साथ पांच और प्रयोग करेंगे जो लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डाटा जुटा पाएंगे इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।

इस यात्रा में Shubhanshu shukla अपने साथ विशेष रूप से तैयार की गई भारतीय मिठाइयां ले जा रहे हैं । एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि वह अंतरिक्ष में आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा ले जाएंगे और उन्होंने कहा कि वह इन्हें अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ साझा करने की योजना बना रहे हैं।

इस मिशन पर भारत ने अब तक करीब 548 करोड रुपए खर्च किए हैं इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्चा भी शामिल है । यह पैसे ट्रेनिंग उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के तहत खर्च किए गए हैं।

इससे भारत को क्या हासिल होगा

इस मिशन के तहत जुटाया गया अनुभव गगनयान मिशन जो 2027 में लॉन्च होगा के लिए बहुत ही मददगार साबित होगा वापस आने के बाद शुभांशु जो डाटा और अनुभव लायेंगे वह भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में मदद कर सकेंगे।

एक्सिओम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के कोलैबोरेशन में यह कार्य हो रहा है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

इस मिशन का लाइव प्रसारण किया गया था जैसे ही शुभांशु स्पेस के लिए रवाना हुए उनके माता-पिता ताली बजाने लगे खुशी के मारे शुभांशु की माँ की आंखें से आंसू सलक पड़े हाथ जोड़कर उन्होंने बेटे की सलामती की दुआ की। मिशन की सफल लॉन्चिंग के बाद शुभांशु के माता-पिता व स्कूल के टीचर्स ने भांगड़ा किया। अंतरिक्ष में रवाना होते समय शुभांशु ने कहा था_ “जय हिंद जय भारत”।

शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने बताया इस पल का इंतजार लंबे समय से था मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है हमने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा इतनी ऊंचाइयों पर जाएगा बेटा 14 दिन के लिए अंतरिक्ष में गया है डर तो लग रहा है लेकिन वह अपना मिशन पूरा करके लौटेगा।

वही शुभांशु के पिता एसडी शुक्ला ने कहा यह हमारा सौभाग्य है कि शुभांशु जैसा बेटा हमारे घर में पैदा हुआ हर बाप की तरह में भी भावुक हो गया था लेकिन सफलतापूर्वक लॉन्चिंग आखिर हो ही गई उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मेरे बेटे के लिए दुआएं की ।

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