Rajasthan Teacher Transfer 1 जुलाई के बाद थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफ़र सम्भव लेकिन फंसा एक पेच

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Rajasthan Teacher Transfer : राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर के संबंध में हिंट दिया है. उन्होंने कहा है कि थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर की मांग को जल्दी पूरा किया जाएगा. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ग्रेड थर्ड शिक्षकों के ट्रांसफर की मांग को लेकर कहा है कि दूसरे जिलों में जाने पर उनकी वरीयता समाप्त हो सकती है जो की सही नहीं होगा. इसलिए हम इस बारे में मंथन करने के बाद ही कहेंगे कि ट्रांसफर होंगे या नहीं. 

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर की मांग को लेकर कहा कि दूसरे जिले में जाने पर उनकी वरीयता समाप्त हो जाती है. वह ऐसा नहीं चाहते कि किसी शिक्षक की वरीयता समाप्त हो और उनके प्रमोशन में देरी हो फिर भी सरकार संवेदनशील है तथा उनकी समस्याओं पर विचार कर रही है. जल्द ही कुछ ठोस व सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे.

Rajasthan Teacher Transfer कहां फंसा पेच

जब थर्ड ग्रेड शिक्षक की किसी जिले में नियुक्ति होती है तो उसकी नियुक्ति आदेश संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी जारी करता है एवं उसकी वरीयता संबंधित भर्ती वर्ष से होती है. बाद में उसकी मेरिट क्रमांक के आधार पर उस वर्ष की वरीयता में उसका नाम जोड़ा जाता है. जब कोई शिक्षक एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित होता है तो उसकी वरीयता लेप्स हो जाती है एवं वह संबंधित भर्ती वर्ष में अंतिम वरीयता सूची पर उसका नाम जोड़ा जाता है.

Rajasthan Teacher Transfer

वरीयता समाप्त हो जाने से प्रमोशन के समय उस शिक्षक को नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि प्रमोशन मेरिट के आधार पर होता है. वह शिक्षक मेरिट में ऊपर होने के बावजूद जिला चेंज करने के कारण वरीयता में नीचे चला जाता है और उसका प्रमोशन नहीं हो पता है. इसलिए शिक्षा मंत्री का कहना है कि ऐसा होने से शिक्षकों को नुकसान हो जाता है. उसे नुकसान से कैसे बचाया जाए इस बारे में कमेटी कुछ निर्णय करके कोई सकारात्मक पहल करेगी.

Rajasthan Teacher Transfer महात्मा गाँधी स्कूल के बारे में क्या बोले मंत्री

जब एक पत्रकार ने महात्मा गांधी स्कूलों के बारे में सवाल किया तो शिक्षा मंत्री ने गोलमोल जवाब दिया. महात्मा गांधी स्कूलों को लेकर पहले बंद करने के बयान तथा बाद में फैसले से यू टर्न लेने के पीछे के कारण को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम किसी के दबाव में निर्णय नहीं करते हैं. निर्णय हमेशा सामूहिक विचार विमर्श के बाद लिए जाते हैं. हमने इन्हें बंद करने का कभी नहीं कहा बल्कि हमने यह कहा था कि हम विचार करेंगे. जहां बच्चे भी नहीं है उन स्कूलों को बंद किया जाएगा और जहां अच्छी खासी संख्या में विद्यार्थी पढ़ रहे हैं उन स्कूलों को कंटिन्यू चालू रखा जाएगा.

आपको बता दें कि पिछले दिनों जनसुनवाई में एक शिक्षक के लिफाफे में नकद रुपए देने के मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शायद पहले कांग्रेस सरकार के समय यह परंपरा रही होगी कि पैसे देकर काम करवाया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होता. हमारे यहां सामूहिक निर्णय से पारदर्शी काम होता है, इसलिए पैसे देने वाले शिक्षक के खिलाफ सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए उसे निलंबित कर दिया है.

भ्रष्टाचार पर क्या कहा

Rajasthan Teacher Transfer से अलग सवालों के जवाब देते हुए दिलावर ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की ओर से पार्टी की लुटिया डूबाने वाले बयान पर उन्होंने कहा उनके समय रीट की परीक्षा में कैसे पेपर लीक और भ्रष्टाचार हुआ वह हम सब ने देखा था. हमने ऐसे भ्रष्टाचारी नहीं देखे जो रीट के पेपर बेच दे, कंपटीशन के पेपर बेच दे या पेपर लीक कर दे और अपने ही परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी में लगा दे. भ्रष्टाचार उनकी रग रग में बसा हुआ है.

मदन दिलावर ने कहा की रीट की परीक्षा हमने भी करवाई है और इतनी पारदर्शी तरीके से कार्रवाई की कोई नकारात्मक समाचार आपको सुनने के लिए नहीं मिला. परीक्षा देने वालों, उनके परिजनों तथा परीक्षा लेने वाली है एजेंसी के अलावा किसी को पता भी नहीं चला. आर ए एस परीक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत राय किसी की भी हो सकती है लेकिन निर्णय हमेशा सामूहिक होता है. इसलिए RAS भर्ती परीक्षा को स्थगित नहीं किया गया बल्कि हमारा यह उद्देश्य रहा है कि कोई भी भर्ती परीक्षा समय पर पूर्ण.

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