Agriculture Labour Scheme कृषि मजदूरों को मिल रहे 50000 रुपये आवेदन शुरू

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Agriculture Labour Scheme :  केंद्र व राज्य सरकार खुद के किसान हितैशी होने का हमेशा दावा करती रहती है जब नरेंद्र मोदी पहली बार सत्ता में आए थे तो उन्होंने एक नारा दिया था कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुना कर दिया जाएगा. हालांकी उनका यह वादा तो पूरा नहीं हुआ लेकिन उन्होंने किसानों के लिए व कृषि मजदूरों के लिए हमेशा से बहुत ही अच्छी योजनाएं चलाई है. 

किसानों हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण समाचार यह है जिसमें किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उन्हें खेती हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने किसानों को सालाना रुपए 50000 की Agriculture Labour Scheme आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है. और उस योजना को 2025 से प्रारंभ कर दिया गया है. राजस्थान सरकार के द्वारा किसानों को प्रतिवर्ष सहायता राशि के रूप में रुपए 50000 दिए जाएंगे. यह राशि डीबीटी के द्वारा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

सरकार ने किसानों कोAgriculture Labour Scheme आर्थिक सहायता के रूप में रुपए 50000 देने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह रखा है कि लगातार बैलों की संख्या को घटते हुए देखकर सरकार ने निर्णय लिया है कि अब बैलों की देखकर और उनकी संख्या को बढ़ावा देने के लिए एक योजना शुरू करनी होगी और योजना का लाभ छोटे व सीमांत किसानों व कृषि मजदूरों को दिया जाएगा. जिससे पशुधन की लगातार हो रही कमी को पूरा किया जा सकेगा और किसानों को वापस पारंपरिक खेती के स्रोतों से जोड़ा जा सकेगा.

Agriculture Labour Scheme कैसे मिलेगा योजना का लाभ

कृषि में दिनों दिन यंत्रों के बढ़ते हुए उपयोग को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया कि क्यों ना पुरानी कृषि प्रणाली को फिर से जिंदा किया जाए और खेती के लिए पुराने तरीके को खेत तक वापस लाया जाए. इसके लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रती वर्ष Agriculture Labour Scheme के तहत रुपए 50000 देकर बैलों को वापस अस्तित्व में लाकर खेती की पारंपरिक प्रणाली को अपनाने हेतु कृषि मजदूरों को प्रोत्साहित करना. जिससे खेत भी उपजाऊ होंगे और किसान भी आर्थिक रूप से सक्षम हो सकेगा.

Agriculture Labour Scheme

सरकार ने यह योजना छोटे और इस वक्त किसानों में कृषि मजदूरों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने को लेकर शुभारंभ की है. इस योजना का लाभ विशेष कर राजस्थान राज्य के सीमांत किसान व कृषि मजदूर ले सकेंगे और कृषि के लिए एक जोड़ी बैल का उपयोग यदि किसान करता है तो वह इस योजना का पात्र होगा. सरकार उनको प्रति वर्ष ₹50000 सहायता राशि के रूप में सीधे उनके अकाउंट में ट्रांसफर करेगी.

सरकार ने इस योजना का लाभ सीधा किसानों को देने और बिचौलियों को खत्म करने के लिए डीबीटी प्रणाली को अपनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने कुछ रूपरेखा और मानदंड निर्धारित किए हैं. उस पात्रता को पूरा करने वाले किसान इस योजना में शामिल हो सकेंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकार की ओर से निर्धारित किए गए पात्रता मानदंडों को पूर्ण करना होगा जिसमें सरकार ने कई प्रकार की शर्तें तय की है.

किसानों के पास बैलों की एक स्वस्थ जोड़ी होना जरूरी है. उनकी उम्र 15 महीने से लेकर अधिकतम 12 वर्ष तक होनी चाहिए. तहसीलदार के द्वारा सीमांत और पात्रता पास में होना जरूरी है. इसके अलावा बैलों के लिए आवश्यक पशु बीमा भी पहले करवाना होगा. इसके अलावा किसान के पास कृषि भूमि का स्वामित्व या पेट्टे पर कृषि करने के मजदूरी का प्रमाण पत्र वन अधिकारी द्वारा प्रमाणित होना जरूरी है.

Agriculture Labour Scheme योजना का उद्देश्य

Agriculture Labour Scheme के द्वारा बैलों के माध्यम से कृषि को प्रोत्साहित करते हुए किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. जिसको लेकर इस योजना को शुरू किया गया है. आजकल के पारंपरिक खेती के संसाधनों में काफी कमी देखी जा रही है और लगातार खेती में आधुनिकीकरण में तकनीकी का इस्तेमाल होने से सरकार फिर से कृषि को सस्ता करना चाहती है ताकि अधिकतम फायदा किसानों को हो सके. लघु और सीमांत किसान पहले से ही आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते हैं. उन्हें आर्थिक सहायता देकर सरकार सक्षम करना चाहती है.

इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने कृषि के आधुनिक उपकरणों से हो रही खेती को घटाकर धीरे-धीरे बैलों की संख्या में ईज़ाफा करके पुरानी खेती के साधनों को वापस अपनाने एवं पारंपरिक साधनों को बढ़ावा देने हेतु इस योजना को आजमाया है और लगातार सरकार इसके पीछे कार्यरत है. पारंपरिक जैविक खेती से संसाधन, पर्यावरण और कृषि के लिए काफी अनुकूलित होती है. इसके साथ-साथ बैलों एवं पशुओं के खाद से जमीन भी उपजाऊ होगी और खरपतवार जैसे घास फूस से बैलों का पालन पोषण भी किसान आसानी से कर सकता है.

इसके अलावा इस योजना में 10 दिन के भीतर प्रशासनिक मंजूरी के बाद अधिकतम 20 दिन तक का समय लगेगा और इसके बाद सक्षम स्वीकृति के पश्चात प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि के रूप में किसानों को ₹50000 डीबीटी द्वारा सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे.

 

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