Krishi Kisan Sahayata Yojana सरकार किसानों को दे रही 30000 जल्दी आवेदन करे

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Krishi Kisan Sahayata Yojana : किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और आय दुगुनी करने के लिए सरकार ने ₹30000 की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है इससे किसान खेती हेतु प्रोत्साहित होगा और समय पर बुवाई कर सकेगा. चाहे वह मानसून का सीजन हो, रबी का सीजन हो या खरीफ का किसान को खेत में बुवाई करने हेतु सबसे पहले डीजल की जरूरत होती है इसके भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं. 

भारत में मानसून सीजन शुरू हो चुका है. पूरे देश में कहीं पर मानसून की बारिश हो रही है तो कहीं पर प्री मानसून बारिश हो रही है. लेकिन किसानों ने खेती का कार्य लगभग प्रारंभ कर दिया है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने के कारण अब किसान के खेत में बुवाई करना काफी महंगा साबित हो रहा है. बुवाई करने के बाद फसल अच्छी होगी या नहीं होगी बारिश होगी या नहीं होगी की चिंता भी रहती है. यदि किसान की अपेक्षा के अनुसार परिणाम नहीं मिलता है तो उसकी फसल बर्बाद हो जाती है और खेत में लगाया गया पैसा भी वसूल नहीं हो पाता है.

कृषि क्षेत्र में भी आधुनिकता के साथ-साथ नई-नई तकनीक विकसित हो रही है और भारत का मजदूर और सीमांत किसान आधुनिक तकनीकी संसाधनों तक आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नहीं पहुंच पाता. क्योंकि अत्यधिक महंगे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके वह खेती करने में असमर्थ है. अतः सरकार ने Krishi Kisan Sahayata Yojana के तहत आर्थिक सहायता करने का निर्णय लिया है.

Krishi Kisan Sahayata Yojana पारम्परिक खेती अपनाओ सहायता पाओ

किसने हेतु सरकार की तरफ से महत्वपूर्ण खबर यह है जिसमें किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने और उन्हें कृषि हेतु प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को सालाना रुपए 30000 की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है. राजस्थान सरकार ने भी इस योजना को प्रारंभ करने की घोषणा कर दी है. यह राशि किसानों को डीबीटी द्वारा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी.

Krishi Kisan Sahayata Yojana

सरकार ने इस Krishi Kisan Sahayata Yojana को शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह रखा है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक खेती विलुप्त हो रही है, अतः बैलों की संख्या को बढ़ाकर किसानों को पारंपरिक खेती की ओर कैसे अग्रसर किया जाए एवं लगातार कम हो रहे पशुधन की संख्या को भी बढ़ाना इसके पीछे उद्देश्य है.

सरकार ने निर्णय किया है कि क्यों ना पुरानी कृषि प्रणाली को वापस अपनाया जाए एवं खेती के लिए पुराने तरीके को वापस लाया जाए. इसके लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब किसानों को प्रतिवर्ष रुपए 30000 देकर बैलों को वापस अस्तित्व में लाकर खेती प्रणाली के पुराने तरीके को अपनाया जाएगा जिससे खेत उपजाऊ होंगे और किसान आर्थिक रूप से सक्षम होगा.

Krishi Kisan Sahayata Yojana ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना का ड्राफ्ट बनाकर छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने हेतु इस योजना का शुभारंभ किया है. इस योजना का लाभ विशेष कर राजस्थान राज्य के किसान ले सकेंगे और कृषि के लिए एक जोड़ी बैल का उपयोग करते हैं वह इस योजना के पात्रों होंगे और सरकार सीधे उनके खाते में ₹30000 सहायता राशि ट्रांसफर करेंगे.

सरकार ने इस Krishi Kisan Sahayata Yojana का सीधे लाभ किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है इसके लिए सरकार ने कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं. उस पात्रता को पूरा करने वाला किसान ही योजना का लाभ ले सकेंगे. लाभ लेने के लिए सरकार की ओर से निर्धारित किए गए पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा.

किसानों के पास बैलों की एक स्वस्थ जोड़ी होना आवश्यक है. जिनकी आयु 15 महीने से लेकर अधिकतम 12 वर्ष तक होनी चाहिए. उस पशु का बीमा होना भी अति आवश्यक है व तहसीलदार द्वारा सीमांत और लघु किसान होने का प्रमाण पत्र भी बनवाना होगा. इसके अतिरिक्त किसान के पास कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र या पट्टा होना भी जरूरी है.

Krishi Kisan Sahayata Yojana का उद्देश्य

आजकल पारंपरिक खेती के संसाधनों में काफी कमी देखी जा रही है और लगातार आधुनिक तकनीक प्रणाली के कारण महंगाई बढ़ने से किसान नई तकनीक से नहीं जुड़ पा रहे हैं और यह तकनीक महंगी होने के कारण सीमांत और लघु किसानों तक इनकी पहुंच लगातार घट रही है. इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने कृषि के आधुनिक उपकरणों से हो रही खेती को घटाकर धीरे-धीरे बैलों की संख्या में बढ़ोतरी करके पारंपरिक खेती को वापस जीवित करने का निर्णय लिया है.

पारंपरिक जैविक खेती संसाधन, पर्यावरण और कृषि के लिए अनुकूलित होती है. इसके साथ-साथ बैलों व पशुओं के खाद से जमीन भी उपजाऊ होती है और खेत में उगने वाला खरपतवार इन पशुओं के पालन पोषण के लिए भी काफी होता है. अतः किसान को चारों तरफ से फायदा ही फायदा मिलेगा.

इस योजना में 10 दिन के भीतर प्रशासनिक मंजूरी के बाद अधिकतम 20 या 40 दिन का समय लगेगा और आपके खाते में ₹30000 की सहायता ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएगी. इसके अलावा मुख्य बात यह है कि बैलों से खेती करने वाले किसान गोबर गैस प्लांट लगाने पर सब्सिडी भी प्राप्त कर सकेंगे. अतः किसानों को पारंपरिक खेती की ओर झुकाकर सरकार उनकी आय को दुगुना करना चाहती है इसलिए इस प्रकार की योजनाएं शुरू की जाती है.

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